-->
Natural Natural

Dhan Teras POOJA VIDHI AND DHAN TERAS MUHURAT

Post a Comment

 

धनतेरस आज, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त, खरीदारी का समय और पूजा विधि

Dhanteras 2022: धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. हर साल धनतेरस का त्योहार दिवाली से पहले आता है. इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी की भी पूजा की जाती है. आज धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, सावधानियां और महत्व क्या हैं, इस बारे में भी जान लीजिए.

कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल दीपावली 24 अक्टूबर सोमवार को है. धनतेरस दिवाली के दो दिन पहले त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान धन कुबेर, धनवंतरी और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान बताया गया है. पुराणों में लिखा है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है और धन लाभ होता है. आज धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, सावधानियां और महत्व क्या है? इस बारे में भी जान लीजिए.

धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2022 pooja muhurt)

ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद के मुताबिक, "धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धनवंतरी की जयंती भी मनाई जाती है. धनतेरस पर त्रयोदशी तिथि के प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करना लाभकारी माना गया है. इस साल त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त आज यानी 22 अक्टूबर 2022 को है. त्रयोदशी तिथि आज 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 2 मिनट से हो रही है जो अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी इसलिए 22-23 अक्टूबर दोनों दिन धनतेरस मानी जा रही है. आज 22 अक्टूबर को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर रात्रि 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है. धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग अपराह्न 1 बजकर 50 मिनट से सायंकाल 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होने के साथ तीन गुना फल प्राप्त होता है."

धनतेरस शुभ मुहूर्त 2022-

धनतेरस पूजा मुहूर्त 22 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। पूजन की अवधि 1 घंटा 16 मिनट की है। 
प्रदोष काल - 05:45 पी एम से 08:17 पी एम।
वृषभ काल - 07:01 पी एम से 08:56 पी एम।

धनतेरस पूजा विधि-

1. सबसे पहले चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। 
2. अब गंगाजल छिड़कर भगवान धन्वंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें। 
3. भगवान के सामने देसी घी का दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं। 
4. अब देवी-देवताओं को लाल फूल अर्पित करें। 
5. अब आपने इस दिन जिस भी धातु या फिर बर्तन अथवा ज्वेलरी की खरीदारी की है, उसे चौकी पर रखें।
6. लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र का पाठ करें। 
7. धनतेरस की पूजा के दौरान लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप करें और मिठाई का भोग भी लगाएं।

22-23 अक्टूबर दोनों दिन कर सकते हैं खरीदारी 

इस साल धनतेरस का त्योहार 22 और 23 अक्टूबर को है. इसका मतलब है कि त्रयोदशी तिथि आज 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 2 मिनट से शुरू हो रही है जो अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी इसलिए धनतेरस की पूजा तो आज 22 अक्टूबर की शाम को ही की जानी चाहिए और खरीदारी दोनों दिन की जा सकती है.

कार, बाइक, मोबाइल, लैपटॉप खरीदने का शुभ-मुहूर्त

अगर आप भी धनतेरस पर कार, मोबाइल, बाइक या लैपटॉप खरीद रहे हैं तो उसे भी शुभ मुहूर्त से ही खरीदना चाहेंगे. तो आइए धनतेरस पर इन चीजों को खरीदने का सही  समय कौन सा है? यह जान लीजिए. 

कार या बाइक खरीदने का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज के मुताबिक, मकर लग्न का शनि से बहुत बड़ा संबंध है और शनि की पहली राशि भी मकर ही है. इसलिए 23 अक्टूबर 2022 धनत्रयोदशी या धनतेरस के दिन अगर आप शनि को खुश रखना चाहते हैं, अपने वाहन को ठीक रखना चाहते हैं कि आपके वाहन खराब ना हो, एक्सीडेंट ना हो और अगर आप वाहन से कहीं जाएं तो आपका वाहन साथ दे? अगर आप ऐसा चाहते हैं तो मकर लग्न में वाहन खरीदें. मकर लग्न दोपहर 12 बजकर 47 मिनिट से प्रारंभ हो जाएगा और 2 बजकर 29 मिनिट पर समाप्त हो जाएगा.

मोबाइल-लैपटॉप खरीदने का समय: ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज के मुताबिक, ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज के मुताबिक, वृषभ राशि शुक्र राशि का प्रतिनिधित्व करती है और मोबाइल, लैपटॉप आदि भी शुक्र का ही प्रतिनिधित्व करते हैं. शुक्र का काम भी सुख-वैभव देना है और उसी तरह मोबाइल-लैपटॉप भी आपके काम को आसान कर देते हैं. भले ही ऑफिस का काम करना हो या खाना ऑनलाइन ऑर्डर करना हो. किसी से जरूरी बात करनी हो या रास्ता देखना हो, हर काम मोबाइल-लैपटॉप से आसान हो जाते हैं. 23 अक्टूबर 2022 धनतेरस पर शाम को 6 बजकर 57 मिनिट से रात को 8 बजकर 52 मिनिट के बीच मोबाइल, लैपटॉप या कोई भी ऐसा इलेक्ट्रॉनिक सामान जो आपको सुविधा देता है खरीद सकते हैं.  

सोना-चांदी खरीदने का शुभ-मुहूर्त : ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज के मुताबिक, सर्वार्थ सिद्ध योग में कोई भी काम करने से रिद्धि-सिद्धि आती हैं और काफी फायदा मिलता है. धनतेरस पर सर्वार्थ सिद्ध योग में सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन इससे बढ़ा कोई भी मुहूर्त नहीं होता. 23 अक्टूबर 2022 धनतेरस पर सर्वार्थ सिद्ध योग सुबह 6 बजकर 31 मिनिट से शुरू होगा और दोपहर 2 बजकर 34 मिनिट पर समाप्त होगा. 

धनतेरस पर इस मुहूर्त में ना करें खरीदारी

पंडितों के मुताबिक, धनतेरस पर राहु काल में खरीदारी करने से बचना चाहिए. 23 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक राहुकाल है इसलिए इस समय पर खरीदारी करने से बचें. इसके साथ ही धनतेरस के दिन सुबह 9.00 बजे से लेकर सुबह 10.30 के बीच भी खरीदारी करने से भी बचें.

धनतेरस पर पूजन की विधि

धनतेरस पर शाम के वक्त उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करनी चाहिए. दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए. भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई को भोग लगाया जाता है. पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें. इसके बाद "धनवंतरि स्तोत्र" का पाठ करें. पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित करें." 

  •  कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।


धनतेरस धन्वंतरि पूजा विधि (Dhanteras Dhanvantari Puja Vidhi)


भगवान विष्णु के अवतार धन्वंतरि देव औषधियों के गुरु माने गए हैं. धनतेरस पर इनकी पूजा से अच्छे स्वास्थ का वरदान मिलता है. इस दिन आयुर्वेद पद्ति से जुड़े लोग विशेषकर धन्वंतरि देव की पूजा करते हैं. प्रात: काल शुभ मुहूर्त में उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा की चौकी लगाकर उसपे श्रीहरि विष्णु की मूर्ति या फिर धन्वंतरि देव की तस्वीर स्थापित करें. षोडशोपचार विधि से पूजन करें. पीले रंग के फूल, चंदन, पीले वस्त्र, पीले फल, मिठाई अर्पित करें.



  • धन्वंतरि देव मंत्र - 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः


धनतेरस लक्ष्मी पूजा विधि (Dhanteras Lakshmi Puja vidhi)


मां लक्ष्मी की पूजा संध्या काल में की जाती है. शाम के शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी यंत्र का पूजा स्थल पर स्थापित करें और पूजा की चौकी पर मुठ्‌ठी भर अनाज रखें. साथ में गंगाजल से भरा कलश रखे. इसमें सुपारी, सिक्का, फूल डालें और आम के पत्ते कलश में लगाकर ऊपर नया खरीदा बर्तन रख दें. बर्तन को खाली न हो, इसमें चावल भरकर रखे. देवी लक्ष्मी का पंचामृत से अभिषेक करें. माता को अष्टगंध, कमल पुष्प, नागकेसर, इत्र, कौड़ी, सफेद मिठाई, नए बही खाते अर्पित करें. धन में वृद्धि की कामना के साथ इस मंत्र का जाप करें. फिर आरती कर दें.



  • लक्ष्मी पूजा मंत्र - ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मीये नमः


यम दीपम (Dhanteras Yam Deep Daan)


धनतेरस पर यमराज के नाम दीपदान अवश्य करें. इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है, मृत्यु के यमलोक की पीड़ा नहीं सेहनी पड़ती. प्रदोष काल में आटे का दीपक बनाकर उसमें रुई की दो लम्बी बत्तियां रखें. इन्हें ऐसे रखें जिससे दीपक के बाहर बत्तियों के चार मुंह दिखाई दें. अब इसमें तिल का तेल और काले तिल डालकर प्रज्वलित करें. घर के बार गेंहूं की ढेरी पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके दीपक रख दें.

*धनतेरस पूजन विधि एवं खरीददारी मुहूर्त विशेष*

〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धनवन्तरि अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है।


धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं।


दीपावली की रात भी लक्ष्मी माता के सामने साबुत धनिया रखकर पूजा करें। अगले दिन प्रातः साबुत धनिया को गमले में या बाग में बिखेर दें। माना जाता है कि साबुत धनिया से हरा भरा स्वस्थ पौधा निकल आता है तो आर्थिक स्थिति उत्तम होती है।


धनिया का पौधा हरा भरा लेकिन पतला है तो सामान्य आय का संकेत होता है। पीला और बीमार पौधा निकलता है या पौधा नहीं निकलता है तो आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 


धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। अगर सम्भव न हो तो कोइ बर्तन खरिदे। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है सुखी है और वही सबसे धनवान है। भगवान धन्वन्तरि जो चिकित्सा के देवता भी हैं उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए संतोष रूपी धन से बड़ा कोई धन नहीं है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हें।


दाहं तेरस पौराणिक कथा

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे।

यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति ।।


धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में रंगोली बना कर दीप जलाने की प्रथा भी है। इस प्रथा के पीछे एक लोक कथा है, कथा के अनुसार किसी समय में एक राजा थे जिनका नाम हेम था। दैव कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। ज्योंतिषियों ने जब बालक की कुण्डली बनाई तो पता चला कि बालक का विवाह जिस दिन होगा उसके ठीक चार दिन के बाद वह मृत्यु को प्राप्त होगा। राजा इस बात को जानकर बहुत दुखी हुआ और राजकुमार को ऐसी जगह पर भेज दिया जहां किसी स्त्री की परछाई भी न पड़े। दैवयोग से एक दिन एक राजकुमारी उधर से गुजरी और दोनों एक दूसरे को देखकर मोहित हो गये और उन्होंने गन्धर्व विवाह कर लिया।


विवाह के पश्चात विधि का विधान सामने आया और विवाह के चार दिन बाद यमदूत उस राजकुमार के प्राण लेने आ पहुंचे। जब यमदूत राजकुमार प्राण ले जा रहे थे उस वक्त नवविवाहिता उसकी पत्नी का विलाप सुनकर उनका हृदय भी द्रवित हो उठा परंतु विधि के अनुसार उन्हें अपना कार्य करना पड़ा। यमराज को जब यमदूत यह कह रहे थे उसी वक्त उनमें से एक ने यमदेवता से विनती की हे यमराज क्या कोई ऐसा उपाय नहीं है जिससे मनुष्य अकाल मृत्यु से मुक्त हो जाए। दूत के इस प्रकार अनुरोध करने से यमदेवता बोले हे दूत अकाल मृत्यु तो कर्म की गति है इससे मुक्ति का एक आसान तरीका मैं तुम्हें बताता हूं सो सुनो। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी रात जो प्राणी मेरे नाम से पूजन करके दीप माला दक्षिण दिशा की ओर भेट करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। यही कारण है कि लोग इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं।


धन तेरस पूजा सामान्य विधि

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

इस दिन लक्ष्मी-गणेश और धनवंतरी पूजन का भी विशेष महत्व है।


सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर नहाकर साफ वस्त्र पहनें।


चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं व गंगाजल छिड़कें और उस पर स्वास्तिक का निशान बना लें।


इसके बाद उसपर भगवान धन्वंतरि माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फिर चित्र स्थापित करें व स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।


नीचे लिखे मंत्र से भगवान धन्वंतरि का आह्वान करें।


( सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं, अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।)


भगवान के सामने देसी घी का दीपक, धूप तथा चौकी के पास मे ही चौमुखा तेल का दीपक जलाएं। 


अब देवी-देवताओं को लाल फूल अर्पित करें।


आपने इस दिन जिस भी धातु या फिर बर्तन अथवा ज्वैलरी की खरीदारी की है, उसे भी चौकी पर रख दें। लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र का पाठ करें।


भगवान कुबेर के लिए (ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये । धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥) मंत्र का जाप करें।


धनतेरस की पूजा के दौरान लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप करें और मिठाई का भोग भी लगाएं।


इसके साथ ही भगवान धन्वंतरि को पूजा स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं। आचमन के लिए जल छोड़ें और भगवान धन्वंतरि को वस्त्र (मौली) चढ़ाएं।


भगवान धन्वंतरि पर अबीर, गुलाल, पुष्प, रोली और अन्य सुगंधित चीजें चढ़ाएं।


चांदी के बर्तन में खीर का भोग लगाएं। (अगर चांदी का बर्तन न हो तो अन्य किसी बर्तन में भोग लगा सकते हैं।)


इसके बाद आचमन के लिए जल नीचे की ओर छोड़ें। मुख शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी अर्पित करें । शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वंतरि को चढ़ाएं।


भगवान से रोग नाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें। (ऊं रं रूद्र रोग नाशाय धनवंतर्ये फट्।।)


भगवान धन्वंतरि को श्रीफल व दक्षिणा अर्पित करें। पूजा 'के अंत में कर्पूर आरती करें।


इसके बाद जो तेल का दिया जलाया थ उसे किसी चीज से ढक दें दिये के आस पास तीन बार गंगा जल छिड़कें इसके बाद दीपक पर रोली का तिलक लगाएं और साथ चावल का भी तिलक लगाएं इसके बाद दीपक में थोड़ी सी मिठाई डालकर मीठे का भोग लगाएं फिर दीपक में 1 रुपया रखें। रुपए चढ़ाकर देवी लक्ष्मी और गणेश जी को अर्पण करें इसके बाद दीपक को प्रणाम करें और आशीर्वाद लें और परिवार के लोगों से भी आशीर्वाद लेने को कहें। इसके बाद यह दिया अपने घर के मुख्य द्वार पर रख दें, ध्यान रखे कि दिया दक्षिण दिशा की ओर रखा हो।


धनतेरस पूजा मुहूर्त

〰️〰️〰️〰️〰️〰️

धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग 2 घण्टे 24 मिनट तक रहता है। प्रदोषकाल में दीपदान व लक्ष्मी पूजन करना शुभ रहता है।


प्रदोषकाल पूजन मुहूर्त

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 22 अक्टूबर शनिवार की शाम 06 बजकर 01 मिनट से तथा कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन: 23 अक्टूबर शाम 06 बजकर 03 मिनट पर होगा। ऐसे मे धनतेरस की पूजा आज शाम करना ही श्रेष्ठ रहेगा क्योंकि धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन तथा यम के लिए दीपदान त्रयोदशी तिथि मे प्रदोष काल के समय किया जाता है जबकि खरीददारी आदि करने के लिए उदया तिथि की मान्यता है अतः आज 22 अक्टूबर की शाम धनतेरस का लक्ष्मी पूजन करें तथा खरीददारी कल 23 अक्टूबर के दिन करना ही शास्त्र सम्मत  होगा।


ऋषिकेश के आसपास के शहरों में धन तेरस पूजा मुहूर्त आज शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।


वृषभ काल: आज शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 55 मिनट तक

पंचांग के अनुसार, स्थिर लग्न पूजा के लिए आदर्श समय है।  इस मुहूर्त समय में पूजा होने के से घर-परिवार में स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।


धनतेरस पर खरीददारी के लिये शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर 2022

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

सुबह 7:51 से दोपहर 12 बजे तक लाभ अमृत चौघड़िया।


दोपहर 1:30 से 3 बजे तक शुभ चौघड़िया।


शाम 6 से रात 10:30 बजे तक चर, लाभ अमृत चौघड़िया।


ध्यान रखें राहुकाल में खरीदारी न करें। राहुकाल 23 अक्टूबर की शाम 4:19 बजे से शाम 5:44 बजे तक रहेगा।

        

राशियों के अनुसार जाने धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ होगा          

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐

इस राशि का स्वामी मंगल है। धनतरेस के शुभ मुहूर्त पर मेष राशि के जातकों के लिए ताबें की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन आप चाहें तो भूमि में भी निवेश कर सकते हैं। अगर आप इस दिन तांबे की कोई वस्तु नहीं खरीदना चाहते तो आप चांदी या इलेक्ट्रॉनिक का भी कोई समान खरीद सकते हैं। वहीं इस राशि के लोगों को शेयर, केमिकल, चमड़े, लोहे से संबंधित काम में निवेश करने से बचना चाहिए।  

 

वृष🐂 

वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है। इन राशि के लोग धनतेरस के दिन चांदी का कोई सामान खरीद सकते हैं। इसके अलावा धनतेरस के दिन चावल अवश्य खरीदने चाहिए। इस खास मौके पर अनाज, कपड़ा, चांदी, चीनी, चावल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, परफ्यूम, दूध और उससे बने पदार्थ, प्लास्टिक, खाद्य तेल, कपड़े, और रत्नों में निवेश करने या खरीदने से लाभ होगा। इससे मां लक्ष्मी हमेशा कृपा बरसाती रहेंगी।  

 

मिथुन👫 

मिथुन राशि के जातकों का स्वामी बुध है। बुध व्यापारियों को लाभ देने वाला ग्रह है। मिथुन राशि के जातक धनतेरस पर स्टील के बर्तन खरीद सकते हैं। धनतेरस के दिन आपका वाहन खरीदना या सोने में निवेश करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन आप सफेद वस्त्र का दान करें, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति बेहतर हो जाएगी। इसके अलावा धनतेरस के दिन कागज, लकड़ी, पीतल, गेहूं, दालें, कपड़ा, स्टील, प्लास्टिक, तेल, सौदर्य सामग्री, सीमेंट, खनिज पदार्थ आदि का व्यापार करने वाले और खरीदने वाले को लाभ मिलेगा।   

 

कर्क🦀

कर्क राशि का स्वामी चंद्र है। धनतेरस के दिन आपका कंपनियों के शेयर और फाइनेंस कंपनियों में निवेश करना लाभदायी होगा। कर्क राशि के लोग धनतेरस के दिन चांदी की वस्तुएं खरीद सकते हैं। इसके अलावा चाहें तो आप स्टील के बर्तन भी खरीद सकते हैं। इस दिन इलेक्ट्रॉनिक का आइटम खरीदना आपके लिए शुभ होगा, यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके घर में मां लक्ष्मी का वास हमेशा बना रहेगा। 

 

सिंह🦁

सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इन राशि के जातकों को नौकरी पसंद नहीं होती है ये केवल व्यापार करने में विश्वास रखते हैं। धनतेरस के दिन आप शेयर या जमीन-जायदाद में निवेश कर सकते हैं। इस दिन सिंह राशि के जातक तांबे या कांसे की वस्तुओं को खरीद सकते हैं। आप चाहें तो इस खास मौके पर सोने मे निवेश कर सकते हैं या इलेक्ट्रॉनिक का कोई आइटम खरीद सकते हैं। इस दिन आप नए कपड़े भी खरीद सकते हैं ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहेगा।

 

कन्या👩

कन्या राशि का स्वामी बुध है, जिसे चंद्रमा का शत्रु माना जाता है। इन राशि के लोगों के लिए धनतेरस के दिन तांबे के गणेश जी खरीदना शुभ माना जाता है। वहीं इस खास मौके पर आप रसोई के लिए कोई आइटम भी खरीद सकते हैं। इस खास मौके पर अगर आप चाहें तो कांसे या हाथी के दांत से बनी चीजें भी खरीद सकते हैं। 

 

तुला⚖️

तुला राशि का स्वामी शुक्र है। इस ऱाशि वालों को इलेक्ट्रॉनिक सामान और तेल में निवेश करना शुभ माना जाता है। तुला राशि के जातक धनतेरस के दिन चांदी या स्टील से बनी कोई भी चीजें खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप कोई ब्यूटी प्रोडक्ट्स या घर को सजाने वाली किसी वस्तु को खरीद सकते हैं। ऐसा करने से आपको ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। 

 

वृश्चिक🦂

इस राशि के जातकों का स्वामी मंगल है। इस राशि वाले लोगों को धनतेरस के दिन जमीन, मकान, दुकान और वस्त्रों में निवेश करना चाहिए। इस खास मौके पर सोने की वस्तु को खरीदना काफी शुभ माना जाता है। यदि आप चाहें तो इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं भी खरीद सकते हैं। यदि आप इन वस्तुओं को खरीदते हैं तो आपको धनलाभ के कई योग बनेंगे। 

 

धनु🏹

इस राशि के लोगों का स्वामी गुरु है। गुरु व्यापारियों को लाभ प्रदान कराने वाला ग्रह है। धनतेरस के दिन सोने का आइटम और अनाज खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप इस दिन आभूषण, रत्न, अनाज, चांदी और ब्यूटी प्रोडक्टस भी खरीद सकते हैं। यदि आप इस दिन कोई पीली वस्तु खरीद लें तो आपके ऊपर लक्ष्मी के साथ-साथ बृहस्पति देव का भी आशीर्वाद बना रहेगा। 

 

मकर🐊

मकर राशि का स्वामी शनि है। धनतेरस के दिन इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन, इत्र, स्टील और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में निवेश से लाभ प्राप्त होता है। मकर राशि के लोग धनतेरस के दिन वाहन खरीद सकते हैं क्योंकि उनके लिए यह दिन काफी शुभ है। इसके अलावा आप मां लक्ष्मी के पूजन के लिए वस्त्र और चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं। इस पावन अवसर पर यह सब चीजें खरीदने से आपके घर में समृद्धि का वास होगा। 

 

कुंभ🍯

इस राशि के जातकों का स्वामी शनि है। धनतेरस के दिन लोहे, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन, इत्र, स्टील आदि वस्तुएं खऱीद सकते हैं। इस दिन आप चाहें तो नीलम रत्न भी खरीद सकते हैं। यह काफी शुभ माना जाता है। यदि आप चाहें तो इस दिन भगवान गणेश और धन की देवी लक्ष्मी के चित्र वाला सोने का सिक्का भी खरीद सकते हैं। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी।

 

मीन🐳

मीन राशि वालों का स्वामी गुरु है। चंद्रमा का घनिष्ठ मित्र माना जाता है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी, रत्न, आभूषण आदि सामग्रियों को खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप इस दिन चांदी के बर्तन भी खरीद सकते हैं। अगर आप चाहें तो कोई इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी खरीद सकते हैं। ये सब खरीदते हैं तो आप पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। 


कुछ अन्य उपाय टोटके

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

धन तेरस पर धन प्राप्ति के अनेक उपाय बताए जाते हैं लेकिन सभी उपायों से बढ़कर है धन और आरोग्य के देवता धन्वं‍तरि का पावन स्तोत्र। 


 धन्वं‍तरि स्तो‍त्र

〰️〰️〰️〰️〰️

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥


ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धन्वं‍तरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥ 


इस स्तो‍त्र को कम से कम 11 बार पढ़ें।


👉 पूर्ण भाव से भगवान धन्वंतरि जी का पूजन करें।


👉 घर में नयी झाडू और सूपड़ा खरीद कर लाये और विधि से पूजन करें।


👉 सायंकाल दीपक प्रज्वलित कर अपने मकान , दुकान आदि को सुन्दर सजाये।


👉 माँ लक्ष्मी को गुलाब के पुष्पों की माला पहनाये और उन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाये।


👉 अपनी सामर्थ्य अनुसार तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण क्रय करते हैं।


👉 हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें।


👉 धनतेरस के दिन सूखे धनिया के बीज खरीद कर घर में रखने से परिवार की धन संपदा में वृ्द्धि होती है।


👉 कुबेर देवता का पूजन करें। शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गड़ी बिछाएं।


👉 सायंकाल पश्चात १३  दीपक जलाकर  तिजोरी में भगवान कुबेर धन के देवता  का पूजन करें।


👉 मृत्यु के देवता यमराज  के निमित्त दीपदान करें।


👉 तेरस के सायंकाल किसी पात्र में तिल के तेल से युक्त दीपक प्रज्वलित करें। पश्चात गंध, पुष्प, अक्षत से पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यम से निम्न प्रार्थना करें-


‘मृत्युना दंडपाशाभ्याम्‌ कालेन श्यामया सह।

त्रयोदश्यां दीपदानात्‌ सूर्यजः प्रयतां मम।



  • यम दीपम मंत्र - मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम।।

महालक्ष्मी बीज मंत्र

ओम श्री श्री आये नम:। - इस मंत्र को माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र कहा जाता है। कहते हैं कि धनतेरस के दिन मंत्र के जाप से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।


धनतेरस पर ये गलतियां करने से बचें

- धनतेरस पर हमेशा नई झाड़ू का प्रयोग करना चाहिए. धनतेरस की मध्य रात्रि को घर से पुरानी झाड़ू बाहर कर दें.

- धनतेरस से पहले घर से कूड़ा-कचरा बाहर निकाल दें. अगर घर में इस दिन गंदगी रहती है तो नेगेटिव एनर्जी का विस्तार होता है.

- धनतेरस पर घर में मां लक्ष्मी का प्रवेश मुख्य द्वार से ही होता है इसलिए मुख्य द्वार की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें.

- धनतेरस पर सिर्फ कुबेर भगवान की पूजा ना करें. उनके साथ मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी की भी उपासना करें.

- धनतेरस पर दिन में ना सोने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा करने से दरिद्रता आती है.

- धनतेरस के दिन किसी को भी उधार देने से बचें.  

- धनतेरस के दिन लोहे का सामान खरीदने से बचें क्योंकि माना जाता है कि इस दिन लोहा खरीदने से घर में दरिद्रता आती है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि हमारी साइटकिसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें

Related Posts

There is no other posts in this category.

Post a Comment

Subscribe Our Newsletter